हर इक शख़्श के जीवन की मुस्कान है ये दोस्ती
सुख दुख से परे दुनियादारी से अंजान है ये दोस्ती
रूठना मनाना हँसना रोना तो कभी शान है ये दोस्ती
बिंदास सोच, बेवाक अंदाज तो कभी जहान है दोस्ती
छल कपट से दूर एक अनोखे रिश्ते की पहचान है दोस्ती
न कोई गिला न शिकवा किसी से कितनी नादान है दोस्ती
कभी मतलबी कभी मौका परस्ती तो कभी कुर्बान है दोस्ती
भावनाओं जज्बातों की आँधी तो कभी धर्म ईमान है दोस्ती
कभी चुभती खामोशी तो कभी दिल की ज़ुबान है ये दोस्ती
फिर भी इक दूजे की धड़कन तो कभी दिलो जान है दोस्ती
~Rani Jha
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