Thursday, October 13, 2016

Hindustan Times की सीरीज़ 'Let’s Talk About Rape' में आठ प्रसिद्ध भारतीयों ने खुले ख़त लिखे हैं ....

Hindustan Times की सीरीज़ 'Let’s Talk About Rape' में बॉक्सर मैरी कॉम ने  अपने बेटों को खुला ख़त लिखा है जिसमें कुछ चौंकाने वाले खुलासे भी किये गए हैं. 

उन्होंने यहां तक बताया है कि उन्हें Molest किया गया था. खत में मैरी कॉम ने अपने बेटों को समझाने की कोशिश की है कि महिलाओं को किस नज़रिए से देखना चाहिए.






ये है वो ख़त...
प्रिय बेटों,
रेप के बारे में बात करते हैं. हर दिन ये सुनने में आता है कि देश में कहीं किसी औरत का रेप हुआ. तुम अभी छोटे हो, पर यही उम्र है जब तुम्हें इन सब मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाना होगा. मेरे साथ भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जब मेरे सम्मान को चोट पहुंची. मैंने देश को बहुत सम्मान दिलाए, पर मेरे साथ भी कई बार छेड़-छाड़ की गयी है.
ऐसा पहली बार मणिपुर में हुआ था. सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर मैं रिक्शे से अपने ट्रेनिंग कैंप जा रही थी, तभी एक अजनबी मेरे स्तन छू कर आगे निकल गया. मुझे बहुत गुस्सा आया, मैं रिक्शे से कूदी और उसका पीछा किया, लेकिन वो भागने में कामयाब रहा. तब मैं 17 साल की थी और अब 33 साल की हूं. लोग एक मेडलिस्ट के तौर पर मेरी प्रशंसा करते हैं, मैं चाहती हूं कि एक औरत के तौर पर भी मेरा उतना ही सम्मान हो.
याद रखना, तुम्हारी तरह ही हमारी भी दो आंखे और नाक है, हमारे शरीर के कुछ पार्ट्स भिन्न हैं, बस यही एक कारण है, जो हमें तुमसे अलग बनाता है. हम भी हमारे दिमाग का इस्तेमाल सोचने के लिए करते हैं, जैसे कि पुरुष करते हैं. हम भी अपने दिल से महसूस करते हैं, जैसे आप करते हो. हम यह डिज़र्व नहीं करते कि कोई हमारी मर्ज़ी के खिलाफ हमें छुए, हमारे ब्रेस्ट या अन्य हिस्सों से छेड़खानी करे.
दुनिया जितनी पुरुषों से है, उतनी महिलाओं से भी है. मेरी समझ में कभी नहीं आया कि पुरुषों को बिना हमारी मर्जी के हमें छूने से क्या आनंद मिलता है. महिलाओं को छेड़ना, रेप करना अपराध है, जिसके लिए कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.
भारत की राजधानी में एक जवान लड़की को कई बार चाकू मारा-मार कर उसकी हत्या कर दी गई, वहां कई लोग मौजूद थे, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया. मैं चाहती हूं तुम जब भी किसी लड़की के साथ कुछ गलत होते देखो, तो मूक दर्शक बने रहने के बजाए उसकी मदद के लिए आगे बढ़ो.
हमने तुम्हें सम्मान और समानता का पाठ पढ़ाया है, पर तुम्हें बहुत से शब्द सुनने को मिल सकते हैं, जैसे लोग तुम्हारे पापा को 'घर जमाई' कहेंगे, तुम्हारी मां को 'चिंकी' कहकर बुला सकते हैं, लेकिन तुम पर इसका कोई असर नहीं पड़ना चाहिए.
तुम्हारे पापा काम करने बाहर नहीं जाते, वो तुम्हें और मुझे अपना सारा वक़्त देते हैं. लेकिन ये उन्हें किसी से कम नहीं बनाता. इसके लिए मैं उनकी बहुत इज्ज़त करती हूं, मैं ये सब कर पा रही हूं, क्योंकि तुम्हारे पापा ने घर की ज़िम्मेदारियां शेयर कीं. वो ही मेरी ताकत हैं.
हम ऐसे राज्य से हैं, जो हिंसा की जकड़ में हैं. हमारे राज्य की महिलाओं को उनके पहनावे और उनके Looks के लिए टार्गेट किया जाता है. उन्हें 'चिंकी' कहकर बुलाया जाता है, ये नस्लभेद है.
मेर देश ने मुझे प्रसिद्धी और पहचान दी है, लेकिन रोड पर चलता हर व्यक्ति मुझे नहीं पहचान सकता जैसे धोनी और विराट को लोग पहचानते हैं. लेकिन मैं यह भी डिज़र्व नहीं करती की कोई मुझे 'चिंकी' कहे.
मैं औरतों के साथ हो रहे अपराधों को कम करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता फैलाना चाहती हूं. मैं चाहती हूं, जब तुम्हें कोई लड़की 'न' कहे, तो तुम उसकी इच्छा का सम्मान करो. ऐसी दुनिया बनाने में अपना योगदान दो, जहां औरतों का सम्मान होता हो, जहां वो Safe महसूस करें.
तुम्हारी
मां







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