स्त्री की खूबसूरती सिर्फ़ शरीर नहीं है
स्त्री शालीनता और परिपक्वता भर नहीं है
स्त्री का अर्थ ममता और त्याग मात्र नहीं है
स्त्री प्रेम व भावनाओं की वो अथाह सागर है
प्यार-बचपना, लड़ना-झगड़ना, रूठना-मनाना
इतराना-इठलाना,रोना-मुस्कुराना,जताना-निभाना
ही स्त्री की सौंदर्यता की असली परिभाषा है | ~ Rani
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