Friday, February 16, 2018

Haa...haa...haa... Without Gift



एक बार की बात है कि गुप्ताजी, 
एक मारवाड़ी (बनिये) के यहां शादी में गए।


शादी का पंडाल बड़ा भव्य था 
और उसमें अंदर जाने केलिए 2 दरवाजे थे।


एक दरवाजे पर रिश्तेदार, 
दूसरे पर दोस्त लिखा था।


गुप्ताजी, बड़े फख्र से दोस्त वाले 
दरवाजे से अंदरगए।


आगे फिर 2 दरवाजे थे,

एक पर महिला, दूसरे पर पुरुष लिखा था।


गुप्ताजी पुरुष वाले दरवाजे से अंदर गए।

वहां भी 2 दरवाजे और थे  |


एक पर गिफ्ट (gift) देने वाला, दूसरे पर 
बिना गिफ्ट (without-gift) वाले लिखा था।


गुप्ताजी को हर बार अपनी मर्जी के
 दरवाजे से अंदर जाने में बड़ा मजा आ रहा था 
उसने ऐसा इंतजाम पहली बार देखा था |


गुप्ताजी बिना-गिफ्ट (without-gift) 
वाले दरवाजे सेअंदर चले गए।

जब अंदर जाकर देखा तो 
गुप्ताजी बाहरगली में खड़े थे।


और वहॉं लिखा था-शर्म तो आ नहीं रही होगी |
बनिये की शादी और मुफ्त में रोटी खायेगा ?

जा-जा बाहर जा और हवा खा !!

😜😀😂






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