Sunday, March 19, 2017

किसी के प्रति कोई निर्णय लेने से पहले सौ बार सोचो !






एक समय संत प्रात: काल भ्रमण हेतू समुद्र के किनारे गए!
समुद्र के किनारे उन्होने एक पुरुष को देखा जो एक स्त्री की गोद में सर रख कर सोया हुआ था | पास में शराब की खाली बोतल पड़ी हुई थी | संत बहुत दु:खी हुए! उन्होने ये विचार किया की ये मनुष्य कितना कामान्ध हैं! जो प्रात:काल शराब सेवन करके स्त्री की गोदी में सर रख कर प्रेमालाप कर रहा हैं!



थोड़ी देर बाद समुद्र से बचाओ, बचाओ की आवाज आई, संत नें देखा की एक मनुष्य समुद्र में डूब रहा हैं |मगर स्वयम को तैरना नहीं आने के कारण वो संत देखने के सिवाय कुछ नहीं कर सकते थे | स्त्री की गोद में सिर रख कर सोया हुआ व्यक्ति उठा और डूबने वाले को बचाने हेतू पानी में कूद गया | थोड़ी देर में उसने डूबने वाले को बचा लिया और किनारे ले आया | संत विचार में पड़ गए की इस व्यक्ति को
 बुरा कहें या भला !




वो उसके पास गए और बोले भाई तूं कौन हैं और यहां क्या कर रहा हैं ? उस व्यक्ति ने उत्तर दिया की में एक मछुआरा हूं और मछली मारनें का काम करता हूं |
आज कई दिनों से समुद्र से मछली पकड़ कर प्रात: जल्दी यहां लौटा हूं |
 मेरी मां मुझे लेने के लिए आई थी और साथ में (घर में कोई दूसरा बर्तन नहीं होने पर) इस दारू की बोतल में पानी ले आई | कई दिनो की यात्रा से में थका हुआ था | भोर के सुहावने वातावरण में ये पानी पी कर थकान कम करने हेतू मां की गोदी में सिर रख कर ऐसे ही सो गया |


      



संत की आंखों में आंसु आ गए की मैं कैसा मनुष्य हूं ? 
जो देखा उसके बारे में गलत विचार किया जिसकी वास्तविकता अलग थी |
कोई बात हम देखते वो नहीं होती हैं उसका एक दूसरा पहलू भी हो सकता हैं |



किसी के प्रति कोई निर्णय लेने से पहले सौ बार सोचो !



Rani



Share & Comment Down Below.
Follow Us On Google Plus (G+).


And Also Make Sure To
Subscribe To Our Blog !!!



No comments:

Post a Comment