हमने इस छोटे से जीवन में,
हर वो इक मंज़र देखा है |
सूनी आँखों में भी,
दर्द का वो समंदर देखा है |
चेहरे पे झूठी मुस्कान,
फरेब लोगों के अंदर देखा है |
गैरों की तो बात ही छोड़ो,
अपनो के हाथों में ही छुपा खंजर देखा है |
~ Rani
Share & Comment Down Below.
Follow Us On Google Plus (G+).
And Also Make Sure To
Subscribe To Our Blog !!!
क्या खूब कही आपने...्
ReplyDeleteWah
DeleteWah
Deleteसुन्दर लेख जय मिथिला
ReplyDeleteमुस्कानें झूठी हैं..पहचानें झूठे हैं..
ReplyDelete