नारी तुम अबला नही हो,
और ना ही हो तुम लाचार |
अपनी लाज खुद ही बचाओ,
थाम के हाथों मे तलवार |
तेरे सीर हरण बचाने,
यहाँ न होंगे कोई तैयार |
शायद कान्हा दौड़े आयें,
सुनके तेरी करुण पुकार |
नारी तुम अबला नही हो,
और ना ही हो तुम लाचार ....
~ Rani Jha
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BAHUT SUNDAR
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