हमने इस छोटे से जीवन में,
हर वो इक मंज़र देखा है ...
हर वो इक मंज़र देखा है ...
सूनी आँखों में भी,
दर्द का वो समंदर देखा है |
दर्द का वो समंदर देखा है |
चेहरे पे झूठी मुस्कान और,
फरेब लोगों के अंदर देखा है |
फरेब लोगों के अंदर देखा है |
गैरों की तो बात ही छोड़ो,
यहाँ तो अपनों के ही हाथों में,
छुपा खंज़र देखा है |
छुपा खंज़र देखा है |
हमने इस छोटे से जीवन में,
हर वो इक मंज़र देखा है ...
By: Rani Jha
हर वो इक मंज़र देखा है ...
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By: Rani Jha
Bahut khoob. .. waah. ..
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